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महिलाओं में थायराइड बढ़ने से क्या होता है ? क्या थायराइड जानलेवा बीमारी है ?

नमस्कार दोस्तों मैं Machhindra jadhav, mjkeblogs में आपका स्वागत करता हूँ. आज का टॉपिक है क्या थायराइड जानलेवा बीमारी है ? बहोत लोगों को थायराइड की बीमारी अपने लपेटे में ले रही है, और इसमें महिलाये ज्यादा है, तो देखते है कि क्या है थायराइड बीमारी, उससे कैसे बचे, उसके क्या लक्षण है और इसका रामबान इलाज क्या है.

क्या थायराइड जानलेवा बीमारी है ?

थायरॉइड एक छोटी, तितली के आकार की ग्रंथि है जो गर्दन के आधार पर, एडम्स एप्पल के ठीक नीचे स्थित होती है। थायरॉयड ग्रंथि दो मुख्य हार्मोन बनाती है: थायरोक्सिन (टी-4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (टी-3)। ये हार्मोन शरीर की हर कोशिका को प्रभावित करते हैं। वे उस दर का समर्थन करते हैं जिस पर शरीर वसा और कार्बोहाइड्रेट का उपयोग करता है

HIGHLIGHTS

थायराइड क्या है ?
थायराइड क्यों होता है?
थायराइड के प्रकार कितने है?
थायराइड के लक्षण
थायराइड में कहा – कहा दर्द होता है ?
महिलाओं में थायराइड बढ़ने से क्या होता है ?
महिलाओं में थायराइड क्यों होता है ?
थायराइड क्या खाने से बढ़ता है ?
थायराइड से क्या नुकसान होता है ?
थायराइड क्या जानलेवा बीमारी है ?
थायराइड कितना होना चाहिए ?
थायराइड टेस्ट
थायराइड का रामबान इलाज

थायराइड क्या है ?

थायरॉयड ग्रंथि हमारे शरीर का एक छोटा सा अंग है जो गले में स्थित होता है, थायराइड एक ग्रंथि है जो आपके पूरे शरीर में ग्रंथियाँ होती हैं, जहाँ वे ऐसे पदार्थ बनाती और छोड़ती हैं जो आपके शरीर को एक विशिष्ट कार्य करने में मदद करने का काम थायराइड कर्ता हैं। आपका थायरॉयड हार्मोन बनाता है जो आपके शरीर के बहोत सारे महत्वपूर्ण कार्यों को कंट्रोल करने में मदद करता है।

यदि आपका थायराइड सही से काम नहीं कर पाता है, तो यह आपके पूरे शरीर को प्रभावित देता है। यदि आपका शरीर में बहुत ज्यादा मात्रा मे थायराइड हार्मोन बनते है, तो आपके शरीर में हाइपरथायरायडिज्म नामक स्थिति विकसित हो सकती हैं। यदि आपका शरीर में बहुत कम थायराइड हार्मोन बनते है, तो इसे हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। दोनों स्थितियां गंभीर हैं और आपको दोनों केस में इलाज की सक्त जरूरत है। याद रखिए थायराइड जानलेवा बीमारी हो सकती हैं

थायराइड क्यों होता है?

  • थायराइड होने के कई कारण है जैसे अव्यवस्थित लाइफस्टाइल का होना,
  • खाने में आयोडीन का कम या अधिकता ईस्तेमाल करना
  • जरूरत से ज्यादा चिंता करना
  • वंशानुगत से मिलना
  • गलत खानपान और देर रात तक जागने से भी हो सकता है
  • डिप्रेशन की दवाईयों लेने से भी होता है
  • डायबिटीज जिसे उसे भी होने के चांसेस ज्यादा होते है
  • भोजन में सोया उत्पादों का जरूरत से ज्यादा का इस्तेमाल करना
  • इसके के अलावा थायराइड और भी दूसरे कारणों से हो सकता है।
  • हाशिमोटो रोग की वज़ह से
  • थायरॉइड ग्रंथि में सूजन होने के कारण
  • ग्रेव्स रोग की वज़ह से
  • गण्डमाला रोग वज़ह से
  • विटामिन बी 12 की कमी भी हमें येबिमारी दे सकती है i

थायराइड के प्रकार कितने है?

थायराइड के दो प्रकार है
हाइपोथायरायडिज्म और
अतिगलग्रंथिता

  • थायराइड के लक्षण :
  • थायराइड के लक्षण क्या है, आइए देखते है
  • थायराइड में ज़्यादा हार्मोन पैदा होते हैं
  • चिड़चिड़ापन मेहसूस होता है
  • पीरियड्स में गड़बड़ी होती हैं
  • घबराहट सी होती है
  • बाल झड़ने लगते है
  • वजन घटने लगता है
  • शरीर में दर्द होता है
  • गांठ महसूस होतीं है

थायराइड में कहा – कहा दर्द होता है ?

अगर हमें कोई भी दर्द होता है तो उसे नजर अंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि क्या मालूम वो किसी बीमारी की शुरुआत के संकेत हो. देखते है अगर आपको थायराइड की शुरुआत हो रही है तो आपको ऐसे दर्द हो सकते है, जैसे कि गर्दन में दर्द होना, जो कि थायरॉयड ग्रंथि में सूजन की वज़ह से होता है, और कभी-कभी तो, दर्द जबडे में और कानो में भी होता है। थायरॉयड ग्रंथि के हफ्तों या दुर्लभ मामलों में महीनों तक दर्दनाक और सूजी हुई होने के चांसेस होते है।

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महिलाओं में थायराइड बढ़ने से क्या होता है ?

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अगर मह‍िलाओं में थायराइड बढ़ता हैं तो उनको यम‍ित पीर‍ियड्स का कि समस्या, इंफर्ट‍िल‍िटी जैसी समस्याएँ होने लगती हैं 45) क्या मह‍िलाओं में थायराइड बढ़ने के कारण भी कई शारीरिक समस्याएं आ सकती हैं, जानते हैं इनके बारे में

अगर आप तला हुआ खाना या जंक फूड का सेवन ज्यादा करती हैं तो आपको थायराइड बहोत जल्‍दी अपने जाकड सकता है। नींद की कमी, वजन तेजी से बढ़ना या घटना, स्‍ट्रेस का बढ़ना ये सारे लक्षण थायराइड की ओर संकेत करते हैं। आपको थायराइड होने के बाद बहोत से बुरे प्रभाव भी झेलने पड़ सकते हैं। जहांतक मह‍िलाओं के शरीर की बात की जाए तो उनमे इंफर्ट‍िल‍िटी की समस्‍या होना, अन‍ियम‍ित पीर‍ियड्स ये सब थायराइड की वज़ह से हो सकता है।

इंफर्ट‍िल‍िटी की समस्‍या

इंफर्ट‍िल‍िटी और थायराइकी ये दोनों एक दूसरे से जुड़े हैं। ज‍िन मह‍िलाओं में पहले से इंफर्ट‍िल‍िटी की समस्या पायीं जाती है उन्‍हें थायराइड की बीमारी कभी भी हो सकती है। अंडरएक्‍ट‍िव या ओवरएक्‍ट‍िव ये थायराइड फर्ट‍िल‍िटी के प्रक्रिया को मह‍िलाओं के शरीर में तेजी से प्रभाव‍ित कर सकता है। थायराइड की वज़ह से महिलाओ की ओवरीज में स‍िस्‍ट बन सकती है इस वज़ह से फर्ट‍िल‍िटी की प्रक्र‍िया फेल हो जाती है।

पोस्‍टपॉर्टल थायरॉइडाइटिस

पोस्‍टपॉर्टल थायरॉइडाइटिस इसे प्रसवोत्तर थायरॉइडाइटिस भी कहते हैं, ये महिलाओ को ड‍िलीवरी के बाद हो सकता है। महिलाओ के थायराइड ग्रंथ‍ि में असंतुलन की वज़ह से पोस्‍टपॉर्टल थायरॉइडाइटिस की समस्या हो सकती है। ये बीमारी थायराइड ग्रंथ‍ि पर हमला करती है। ड‍िलीवरी के 4 से 12 महीने के अन्दर अंदर ये समस्‍या होने के पूरे चांसेस होते है, ज‍िसके बाद थायराइड हार्मोन जो है वो खून में म‍िल जाता है और थायराइड के लक्षण आपको परेशान करने लगते हैं.

अन‍ियम‍ित पीर‍ियड्स

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मह‍िलाओं को थायराइड होने का खतरा सबसे ज्‍यादा रहता है। अगर आपको अन‍ियम‍ित पीर‍ियड्स की समस्या हो रही है तो ये थायराइड के लक्षण हों सकते है। यदि आपको थायराइड की समस्‍या है तो आपको ये समस्या ये होगी जैसे कि, अन‍ियम‍ित पीर‍ियड्स का होना। फ्लो बहुत तेज या धीमा होने के चांसेस भी है.

अर्ली मेनोपॉज

थायराइड की वज़ह से अर्ली मेनोपॉज की भी समस्‍या हो सकती है। क्‍या होता है अर्ली मेनोपॉज? अर्ली मेनोपॉज वो अवस्था है जहां महिलाये 45 से 50 की उम्र में आने से पहले ही मेनोपॉज की अवस्था में पहुंच जाती हैं। इस वज़ह से प्रेगनेंसी में बहोत परेशानी होती है। यदी किसी महिला को समय से पहले मेनोपॉज की समस्‍या होती है तो उन्हें थायराइड हो सकता है।

स्‍क‍िन ड‍िसऑर्डर

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स्‍क‍िन ड‍िसऑर्डर होने की वज़ह थायराइड में हार्मोन का लेवल बढना भी हो सकता है। प‍िंपल की समस्‍या भी महिलाओ में थायराइड का बढ़ता स्‍तर हो सकता है। इस अवस्था में आपको थायराइड कम करने के उपाय अपनाकर बढ़े हुए हार्मोन्‍स को बैलेंस में करना चाह‍िए। जो भी मह‍िलाएं 30 साल या उससे ज्‍यादा होती हैं उनमें थायराइड की वज़ह से ये साइड इफेक्‍ट्स ज्‍यादा देखनेमिलते हैं।

महिलाओं में थायराइड क्यों होता है ?

महिलाओं में थायराइड के लक्षण

महिलाओं में थायराइड के मुख्य लक्षण में थायराइड ग्रंथि में सूजन होना शामिल है, पर ऐसा जरूरी नहीं कि सभी महिलाओं में यह लक्षण दिखाईही दें। महिलाओं में थायराइड का लक्षण इस प्रकार हो सकते है,

वजन का बढ़ना

चीजें ठीक से याद नहीं रहना

आवाज का कर्कश होना

कमजोरी सी महसूस करना

बालों का सुर्ख होना, और मोटा होना

त्वचा का शुष्क होना

हमेशा कब्ज की शिकायत होना

थकावट जैसा महसूस होना

बार-बार और भारी मासिक धर्म का होना

ठंडे तापमान को झेलने की क्षमता में कमी अना

ब्लड कोलेस्टेरोल के स्तर का बढ़ना

मांसपेशियों में दर्द सा होना

मांसपेशियों का कोमल और कठोर होना

दिल की धड़कन धीमी होजाना

कुछ मामलों में डिप्रेशन में जाना

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महिलाओं में हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण:

थायराइड ग्रंथि का, या गण्डमाला का आकार बड़ा होना
घबराहट जैसा लगना
मांसपेशियों में कमजोरी जैसी और कंपकंपी सा लगना
तनाव महसूस करना
वजन का कम होना
दृष्टि संबंधित की समस्या होना, या आंखों में जलन जैसा होना
चिड़चिड़ापन होना जैसा लगना
सही से नींद नहीं आना, और सोने में भी परेशानी होना.
मासिक धर्म अनियमित रूप से होना, या पूरी तरीके से रुक जाना

थायराइड क्या खाने से बढ़ता है ?

थायराइड हमारे खाने में आयोडीन की मात्रा बढ़ने से हमें थायराइड की समस्या होती हैं, और कई बार आपकी परिस्थिति के लिए आयोडीन का ज्यादा इस्तेमाल करना ही जिम्मेदार होता है। ऐसे में अगर आप आयोडीन का ज्यादास सेवन करते हैं, तो आपकी समस्या बढ़ सकती है। इसलिए आपको आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों को परहेज करना पड़ेगा।

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थायराइड से क्या नुकसान होता है ?

अगर किसी महिला को थायराइड disease है तो इस कीवज़ह से उस महिला की ओवरीज में स‍िस्‍ट बन सकती है, जिस वज़ह से फर्ट‍िल‍िटी की प्रक्र‍िया पूरी तरह से फेल हो जाती है.जिस वज़ह से बहोत सी महिलाये माँ नहीं बन पाती। और इसका इलाज कभी कभी बहोत महँगा हो सकता है, तो सही समय पर इसकी जांच करवाये औ थायराइड की बीमारी से होने वाले नुकसान से बचे.

थायराइड क्या जानलेवा बीमारी है ?

थायराइड क्या है? क्या थायराइड जानलेवा बीमारी है? जानलेवा बीमारी है ? थायराइड ये हर किसी के गर्दन के पास एक ग्रंथि पायीं जाती है, जिसे थायराइड कहते है. अगर देखा जाए तो भारत में थायराइड की समस्या बहोत तेजी से बढ़ रही हैं, हर 10 में से एक शख़्स थायराइड की समस्या से परेशान रहा है. 2021 के रिपोर्ट के अनुसार, भारत को थायराइड बीमारी का हब माना जाता है
थायराइड बीमारी में अक्सर अधिकतर लोगो को ये मालूम ही नहीं पडता की कब उनको थायराइड ने जकड लिया है. थायराइड की बीमारी महिलाओं को ज़्यादा होती है. गर्भावस्था और डिलिवरी के पहले तीन महीनों के भीतर ये बीमारी ज़्यादा तार होती हैं .महिलाओं में थायराइड की बिमारी होना थायराइड आम बात होगई है.

ग्रंथि जो है वो हमारे दिल को, दिमाग़ को और भी शरीर के दूसरे अंगों को सही तरीक़े से चलाने वाले हार्मोन को पैदा करने का काम करता है. थायराइड शरीर को ऊर्जा का उपयोग करने में सक्षम बनाता है और उसे गर्म रखने में मदत कर्ता है.

थायराइड कितना होना चाहिए ?

30 साल के लोगों में थायराइड का लेवल

एक पुरुष मे सामान्य थायराइड का स्तर 0.5-4.15 mIU/L इतना ही होना चाहिए। 0.5 mIU/L से कम का थायराइड लेवल लॉ मना जाता है। जबकि 4.5 mIU/L से ज्यादा हो तो थायराइड का स्तर हाई माना जाता है। वही 18 से लेकर के 29 साल तक की महिलाओं में सामान्य रुप से थायराइड का स्तर लगभग0.4-2.34 mIU/L इतना होना जरुरी है।

31-50 साल के लोगों में थायराइड का लेवल

पुरूष में 31 से 50 साल के उम्र के बीच है, तो थायराइड लेवल 0.5 से 4.15 mIU/L इतना नॉर्मल होना चाहिए। अगर इससे कम या ज्यादा होता है, तो ये बहोत सारी प्रॉब्लम पैदा कर सकता है। इसके साथ ही 30-49 साल की महिलाओं का थायराइड स्तर 0.4-4.0 mIU/L इतना होना जरूरी होता है। यदि थायराइड लेवल 0.4 mIU/L से कम हुआ तो, उस केस में हाइपोथायरायडिज्म की परिस्थिति पैदा हो जाती है। उसी तरह इससे ज्यादा होना भी नुकसानदायक माना जाता है।

51-70 साल के लोगों में थायराइड का लेवल

51 से 70 साल के पुरुषों में सामान्य थायराइड का लेवल 0.5-4.59 mIU/L होना ज़रूरी है। इस उम्र में पुरुषों का थायराइड स्तर लगभग .5 mIU/L से कम होना चाहिए और 4.6 mIU/L से अधिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक  हो सकता है। वही 50-70 साल उम्र की महिलाओं का सामान्य थायराइड स्तर लगभग 0.46-4.68 mIU/L होना चाहिए । अगर इससे कम या फिर इससे ज्यादा महिलाओं में मिलता है तो ये थायराइड  होने के चांसेस बढ़ा देगा।

71-90 साल के लोगों में थायराइड का लेवल

यदि  आप 71 से 90 साल के उम्र के केटेगरी क में आते हैं, तो इस केटेगरी मे स्वस्थ रहने के लिए आपका थायराइड स्तर लगभग 0.4-5.49 mIU/L होना चाहीए। और0.4 mIU/L से लेवल कम होने पर आपमें हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण पैदा होने के चांसेस बढ़ सकते है। वहीं अगर 5.5 mIU/L से अधिक लेवल होने पर हाइपरथायरायडिज्म के भी लक्षण नजर आ सकते हैं।

थायराइड टेस्ट : (Thyroid test)

थायराइड में T3-T4-TSH टेस्ट से क्या पता चलता है? थायराइड होने से पहले हम थायराइड कि बीमारी का पता नहीं लगा सकते. हाइपो-थायरॉइडिज़्म का मतलब हैं T3, T4 का स्तर कम हो जाना. वहीं TSH यानी थायराइड स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाना. दूसरी स्टेज में थायराइड, हाइपर-थायरॉइडिज़्म के केस में T3, T4 का लेवल हाई होता है, और TSH के केस में लेवल लो होता है.

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TSH की जहां तक बात है एक लीटर ख़ून में थायराइड इकाई कीमात्रा.5 से 5 मिली होनी जरूरीहै. TSH से यह पता लगाते है कि, क्य़ा थायराइड ग्रंथि अपना काम सही से कर रही है, कि नहीं. जबकि इसके स्टेज उम्र और अवस्था के हिसाब से बदलते रहते हैं, मतलब बच्चों में, वयस्कों में और गर्भवती महिलाओं में ये बदलते हुए नजर आते हैं.

यदि उस परिवार के किसी भी सदस्य को थायराइड का प्रॉब्लम है, तो उनके बच्चे भी इसकी चपेट में आ जाते हैं. अगर आप इस बीमारी से बचना चाहते हो तो ऐहतियात बरतने की आदत आपको डालनी होगी.थायराइड कितने दिन में ठीक हो जाता है ?

ये भी पढे : अपना वजन आसानी से कम करें।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस ब्लॉग में मैंने थायराइड के बारे में रिसर्च करके आप तक महत्व पूर्ण जानकारी पोहचने का प्रयत्न किया है। थायराइड की समस्या हर छोटे बड़े को अपने जकड में ले रही है, और इसको समय रहते ही रोकना बोहोत जरुरी है। आज थायराइड का इलाज पूरी तरह से संभव है, तो अगर आपको या आपके किसी रिश्तेदर को थायराइड है, तो डरने को कोई बात नहीं है, आप पूरी तरह से ठीक हो सकते हो। इस ब्लॉग में मैंने थायराइड ठीक होने के लिए पूरी जानकारी दी हुई है। आप इसे पढ़ के सही से ट्रीटमेंट ले सकते हो, इस ब्लॉग को ज्यादा से ज्यादा शेरे करिये, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगो तक ये जानकारी पोहच सके। आप सभी का सपोर्ट करने के लिए बोहोत बोहोत धन्यवाद्।

FAQ

थायराइड बढ़ने से क्या होता है?

थायराइड ग्लांट हारमोन बनाता है, जो हमारे शरीर के बहुत सारे बड़े पूर्ण जरो को पूर्ण करने में मदत करता है, थायराइड बढ़ने से थायराइड ग्लांट अपना कम सही तरीके से नहीं कर पाता है, इस वजह से शरीर में बहुत सारे बदलाव होते हैं।

थायराइड के मारिजो को क्या खाना चाहिए

थायराइड में खा सकते है दही, ब्राजील नट, दूध, चिकन, मछली, सीपदार मछली, अंडे, जामुन, पत्तेदार सब्जियां, सोया

थायराइड के लिए आयोडिन क्या काम करता है?

जब आपके आहार में आयोडीन का असंतुलन होता है, तो आप अल्पसक्रिय या अतिसक्रिय थायराइड से पीड़ित हो सकते हैं

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